Wednesday, 22 April 2020

आज सुबह स्थानीय अखबार में को रोना की खबर में भारत का मानचित्र देखा, उस मानचित्र में न कश्मीर भारत में है, न ही अक्साई चीन भारत में है |ऐसा बहुत बार होता है स्कूल में पढ़ने के दौरान भी  एक रजिस्टर खरीदा तो रजिस्टर के कवर पर ऐसा नक्शा देखकर ऐसा बड़ा आश्चर्य हुआ था और पिछले साल चीनी माल के विरोध में कई राष्ट्र भक्तों द्वारा कस्बों में भारत के मानचित्र वाले बड़े-बड़े होर्डिंग लगाए गए थे लेकिन देशभक्त उसमें कश्मीर और अक्साई चीन को भूल गए आखिर ऐसा क्यों होता है ऐसा इसलिए होता है क्योंकि अधिकांश लोग अपने कार्य के लिए गूगल में भारत का मानचित्र टाइप करते हैं और उससे अंतरराष्ट्रीय सर पर प्रचलित मानचित्र डाउनलोड कर लेते हैं और विकृत मानचित्र का प्रचार करते हैं कई बार लोग अंडमान निकोबार और लक्षद्वीप को तो भूल ही जाते हैं, लेकिन लंका को भारत में दिखाना नहीं बोलते क्योंकि अयोध्यापति राम ने लंका को तो जीता ही था ,तो भला लंका की अलग से हस्ती क्यों?
भारतीय संविधान सम्मत मानचित्र भारतीय सर्वेक्षण विभाग द्वारा तैयार किए जाते हैं, इस विभाग का सर्वोच्च अधिकारी भारतीय महा सर्वेक्षक होता है जोकि अखिल भारतीय सेवाओं से आता है इस विभाग की स्थापना ईस्ट इंडिया कंपनी के शासन के समय 1767 में की गई थी और इसके प्रथम महा सर्वेक्षक  मेजर रेनेल थे, मेजर रेनेल ने भारतीय मानचित्र बनाने में उत्कृष्ट कार्य किया उसने विशाल बंगाल, दक्षिणी भारत प्रायद्वीप और भारत की बाहरी सभी सीमाओं का मानचित्र अंकन पहली बार किया मेजर रेनेल ने किया, भूटान wasके निकट  सर्वेक्षण करते समय  तो एक बार संन्यासियों ने  हमला कर दिया और मेजर जान गंवाते गंवाते बचे| आज हमारे मन मस्तिष्क में जो भारतीय मानचित्र का स्वरूप है उसे सबसे पहले मेजर रेनेल  ने प्रस्तुत किया|


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