Friday, 1 May 2020

ऋषि अगस्त्य उत्तर और दक्षिण भारत

एक बार फेसबुक पर एक पाकिस्तानी की पोस्ट देखिए जिसमें भारत को छिन्न-भिन्न कर भारत को कई राष्ट्रों में टुकड़े-टुकड़े दिखा रखा था और लिखा था कि भारत है क्या सिर्फ उत्तर प्रदेश और बाकी सब कब्जा कब्जा उस पाकिस्तानी को करारा जवाब दिया कि तुम्हारी भारत के बारे में जानकारी सिफ़र है, पोस्ट  जबकि भारत उत्तर से दक्षिण तक न जाने कितने ऐतिहासिक सांस्कृतिक सूत्रों में बंधा हुआ है ऐसा ही एक महान सूत्र है *ऋषि अगस्त्य* ,तमिल में इन्हें *अगत्तीयर* कहते हैं!
अगस्त्य का उत्तर भारत में लिखे गए वेदों, पुराणों, रामायण, महाभारत में महत्वपूर्ण  स्थान  है तो दक्षिण भारत में उन्हें महान तमिल संस्कृति, भाषा का पिता कहा जाता है , ऋषि अगस्त्य बारे में अनेक पौराणिक प्रकरण मिलते हैं
वेदों में:-
 ऋग्वेद प्रथम मंडल में अगस्त्य ऋषि का भी योगदान है,
लोपामुद्रा अगस्त्य ऋषि की पत्नी थी लोपामुद्रा विदर्भ देश की राजकुमारी थी लोपामुद्रा ने भी ऋग्वेद में कुछ  ऋचाएं लिखी है, जो रति देवी को समर्पित है!
अगस्त्य ऋषि उत्तर और दक्षिण दक्षिण भारत:-भारत का संगम कहे जा सकते क्योंकि ऐसा माना जाता है ,कि अगस्त्य ऋषि उत्तर भारत से मध्य भारत के विंध्य पर्वत पार कर  आर्य संस्कृति को दक्षिण भारत में ले गए , अगस्त्य ऋषि को प्राचीन तमिल का पिता कहा जाता है!
तमिल व्याकरण:- ऋषि अगस्त्य को तमिल के प्रथम व्याकरण 'अगत्तीयम' का रचयिता माना जाता है ,हालांकि तोलकाप्पीयम(तमिल की संगम कालीन प्रथम व्याकरण) का रचयिता तोलकापियर ख़ुद अपना अगस्त्य  गुरु को बताता है
 प्राचीन तमिल संस्कृति में महान *सिद्धर* बताए गए हैं जिनकी तुलना हम उत्तर भारत की योगियों मुनियों से कर सकते हैं, अगस्त्य ऋषि को प्रथम सिद्ध कहा जाता है!  इस तरह संपूर्ण भारत संस्कृति और इतिहास में एक है और एक रहेगा, बुरी नजर वाले पाकिस्तानी इसका अनुमान भी नहीं लगा सकते!!